राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची : झारखंड में हुए 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले मामले में सीबीआई की टीम गुरुवार को देशभर के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें झारखंड में 12, बिहार में 2 और दिल्ली में 2 स्थान शामिल है। अभी छापेमारी को लेकर सीबीआई की ओर से किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है। रांची में पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की के बनहौरा स्थित पैतृक आवास और मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास में भी छापेमारी की। सीबीआई की टीम गुरुवार सुबह ही पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के मोरहाबादी में दीनदयाल नगर स्थित सरकारी आवास तथा पंडरा के बनहौरा स्थित पैतृक आवास पहुंची और कागजातों की छानबीन शुरू की।
आय से अधिक संपत्ति मामले में तीन साल सजा सुनाये जाने के बाद बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गयी थी। जिसके बाद मांडर विधानसभा में उपचुनाव होना है। उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से बुधवार को ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गयी है और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की उम्मीदवार के मसले पर विचार-विमर्श के लिए दिल्ली में है। सुबह में जब सीबीआई की टीम छापामारी के लिए पहुंची, तो बंधु तिर्की की अनुपस्थिति में उनके करीबी सहयोगी सुधीर मिंज से सीबीआई ने पूछताछ की। बाद में सीबीआई की ओर से बंधु तिर्की को वापस लौटने कहा है और बंधु तिर्की ने दिल्ली से आज ही देर शाम तक वापस लौट कर जांच में सहयोग का भरोसा दिलाया है।
ऐसी चर्चा है बंधु तिर्की सजायाफ्ता हो जाने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ने से वंचित हो गये हैं, इस कारण वे अपनी बड़ी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को चुनाव लड़ाना चाहते हैं और संभवतः कांग्रेस नेतृत्व ने भी इस पर सहमति प्रदान कर दी है, लेकिन अभी औपचारिक घोषणा बाकी है। वहीं अब सीबीआई छापेमारी से उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं और उनकी गिरफ्तारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
सीबीआई की टीम रांची के मोरहाबादी स्थिज एनजीओसी (नेशनल गेम्स ऑर्गेनाइजिंग कमेटी) के कार्यालय में भी दबिश दी है। सीबीआई की टीम एनजीओसी कार्यालय में पहुंच कर इस घोटाले की छानबीन में जुटे हैं। जिस वक्त खेल हुआ, उस वक्त बंधु तिर्की राज्य के तत्कालीन खेलमंत्री थे।
राष्ट्रीय खेल घोटाले से जुड़े इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआई जांच तेज कर दी है। सीबीआई की टीम झारखंड कबड्डी एसोसिएशन के सचिव सह बोकारो ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष बिपिन कुमार सिंह के बोकारो स्थित आवास में भी छापमारी की। इसके अलावा धनबाद सीबीआई की 4 सदस्यीय टीम सेक्टर 8/सी स्थित र्क्वाटर नंबर 2201 और पटना में उनके गांव में छापेमारी की।
नेशनल गेम्स से जुड़े इस घोटाले के मामले में झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर रांची में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस मामले में आईपीसी की धारा 120 (बी) सह पठित 420 और पीसी एक्ट 1988 की धारा 13 (1) (डी) के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। गौरतलब है कि झारखंड में साल 2007 में राष्ट्रीय खेल का आयोजन होना था, लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने के कारण 34वें राष्ट्रीय खेल साल 2011 में झारखंड में आयोजित हुआ था। इस खेल के आयोजन के पहले खेल सामग्री की खरीद और ठेका देने में अनियमितता तथा निर्माण में गड़बड़ी के मामले सामने आये। आकलन के अनुसार 29 करोड़ से अधिक के नुकसान के बाद साल 2010 में एसीबी ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की थी, लेकिन 12 सालों में भी ठोस परिणाम नहीं मिलने के बाद इसकी जांच की जिम्मेवारी सीबीआई को सौंपी गयी है।
सीबीआई की ओर से इस मामले में जुड़े मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें पहला पहला मामला RC 0242022A001 मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माण में गड़बड़ी जुड़ा है। दूसरा मामला RC 0242022A002 है, जो खेल आयोजन से जुड़े घपले से जुड़ा है।
पहले इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर रही थी। इस मामले में बंधु तिर्की जेल तक जा चुके हैं। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई थी। खेल घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बंधु तिर्की को अप्राथमिक आरोपी बनाया था। हाल ही में आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट ने बंधु तिर्की को तीन साल की सजा सुनाई थी। इस कारण उनकी विधायकी भी चली गई। बंधु तिर्की रांची जिले के मांडर विधानसभा सीट से एमएलए चुने गए थे।
.ऐसी सूचना है कि खेल घोटाले से जुड़े देशभर में करीब 18 जगहों पर छापेमारी की जा रही है। पटना से सीबीआई की टीम रांची में छापेमारी करने पहुंची है। मीडिया के मुताबिक दिल्ली हेड क्वार्टर से निर्देश मिलने के बाद कार्रवाई की जा रही है। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के अलावा घोटाले से जुड़े सभी आरोपियों पर शिकंजा कसा गया है। बंधु तिर्की के बारे में फिलहाल सूचना है कि वो दिल्ली में हैं। उनकी सदस्यता खत्म होने के बाद मांडर विधानसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव की घोषणा की गई है। उससे पहले उनके पिटारे को सीबीआई ने खोल दिया है।
झारखंड के नेशनल गेम्स घोटाले को लेकर सीबीआई की ओर से रांची स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो में 22 अप्रैल को दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी। 34वां नेशनल गेम्स झारखंड में साल 2011 में 22 फरवरी से 26 फरवरी तक हुआ था। राष्ट्रीय खेल के आयोजन में घोटाले का मामला है। 28 करोड़ 34 लाख रुपए गड़बड़ी का मामला है। ऊंची कीमत पर बिना टेंडर खेल सामान खरीद सहित कई मामले शामिल हैं। मेगा स्पोर्ट्स कॉन्प्लेक्स के निर्माण में अनियमितता का मामला है। 206 करोड़ की जगह इसका बजट 424 करोड़ रुपए हो गया था।
नेशनल गेम्स घोटाले में फंसे पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का बेजा इस्तेमाल किया था। धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में अनियमितता बरती गई थी। स्क्वैश कोर्ट बनाने के लिए मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को ठेका दी गई थी। इस बाबत एक करोड़ 44 लाख 32 हजार रुपए का एस्टीमेट दिया गया था। मंत्री रहते हुए बंधु तिर्की ने 20 अक्टूबर 2008 को इसकी अनुमति दी थी। कंपनी को एडवांस में 50 लाख रुपए दिए गए थे।
वहीं इससे पहले इस घोटाले की जांच झारखंड का एंटी करप्शन ब्यूरो कर रहा था. अदालत ने एसीबी की जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए सीबीआई को इस बिंदु पर भी जांच करने का आदेश दिया था कि किन अधिकारियों की वजह से जांच में देरी हुई है. 2011 में झारखंड में आयोजित हुए राष्ट्रीय खेल के आयेाजन के पहले खेल सामग्री की खरीद, खेल, ठेका देने में अनियमितता, निर्माण में गड़बड़ी के मामले सामने आए. आंकलन के मुताबिक सरकार को 29 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ, जिसके बाद पूरे मामले में एसीबी की जांच शुरू हुई थी.